फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) की सिंदरी (झारखंड), तालचर (ओडिशा), रामागुंडम (तेलंगाना), गोरखपुर (यूपी) और कोरबा (छत्तीसगढ़) में पांच इकाइयां हैं। इन इकाईयों को 1990-2002 की अवधि के दौरान बंद कर दिया गया था। भारत सरकार (जीओआई) ने सितंबर 2002 में एफसीआईएल के संचालन को बंद करने और स्वैच्छिक पृथक्करण योजना (वीएसएस) के तहत अपने सभी कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने का फैसला किया। इन इकाईयों में काफी बड़ी भूमि , आवासीय क्वार्टर और कार्यालय भवन, रेलवे साइडिंग, बिजली और पानी के सम्मिल्लित स्रोत जैसी विशाल बुनियादी सुविधाएं हैं।
सीसीईए ने अप्रैल 2007 में एफसीआईएल और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की इकाईयों को पुनरुद्धार करने की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए सैद्धांतिक रूप से 'मंजूरी दे दी थी, बशर्ते कि गैस की उपलब्धता सुनिश्चित हो। अक्टूबर, 2008 में, कैबिनेट ने एफसीआईएल और एचएफसीएल इकाईयों के पुनरुद्धार करने के लिए मंजूरी दे दी थी, जो कि सरकारी फंडिंग का सहारा न लेने और छूट पर अंतिम निर्णय के लिए पूरी तरह से आबद्ध प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक सीमा तक भारत सरकार के ऋण और ब्याज को बट्टे खाते में डालने के अधीन थी |
नवंबर, 2008 में सचिवों की एक अधिकार प्राप्त समिति (ईसीओएस) का गठन बंद इकाईयों के पुनरुद्धार के सभी विकल्पों का मूल्यांकन करने के लिए किया गया था, ताकि प्रत्येक इकाई के पुनरुद्धार के लिए निवेश की मांग के लिए की जाने वाली कार्रवाई पर निर्णय लिया जा सके और अनुमोदन के लिए सरकार से सिफारिश की जा सके। ईसीओएस के सदस्यों में उर्वरक विभाग के सचिव (अध्यक्ष), व्यय विभाग, विनिवेश विभाग, योजना आयोग, सार्वजनिक उद्यम विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव थे। ईसीओएस ने विभिन्न बैठकों में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सिफारिश की कि इन बंद इकाईयों का पुनरुद्धार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा 'नामांकन मार्ग' के माध्यम से और निजी क्षेत्र द्वारा 'बोली मार्ग' के माध्यम से किया जाएगा। नामित पीएसयू, नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (एनटीपीसी), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने सिंदरी इकाई और गोरखपुर के लिए "हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड" (एचयूआरएल) नाम से एक संयुक्त उद्यम बनाया।
राष्ट्रीय केमिकल्स एवं फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ), गेल (आई) लिमिटेड और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने तालचर इकाई के लिए "तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड" (टीएफएल) नामक एक संयुक्त उद्यम का गठन किया और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) एवं नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) ने रामागुंडम इकाई के लिए "रामगुंडम उर्वरक निगम लिमिटेड" (आरएफसीएल) नामक एक संयुक्त उद्यम का गठन किया। एफसीआईएल द्वारा प्रदान किए जाने वाले भूमि उपयोग और बुनियादी ढांचे के बदले एफसीआईएल को सिंदरी, गोरखपुर और रामागुंडम इकाईयों के लिए संयुक्त उद्यम में 11% साम्या (इक्विटी) मिलेगी और तालचर के लिए 4.95% की साम्या (इक्विटी) मिलेगी।
एफसीआईएल इकाईयों के पुनरुद्धार की प्रगति निम्नानुसार है:
1. तालचर इकाई
कोयला आधारित उर्वरक संयंत्र स्थापित करने के लिए नामित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), अर्थात् आरसीएफ, सीआईएल, गेल और एफसीआईएल द्वारा तालचर इकाई (ओडिशा) के पुनरुद्धार के लिए
पूर्व-परियोजना गतिविधियां प्रगति पर हैं। तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी (टीएफएल) को निगमित किया गया है। संयंत्र की स्थापना के लिए शेल कोल गैसीफिकेशन प्रौद्योगिकी का
चयन किया गया है। एफसीआईएल और टीएफएल के बीच रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं। प्रतिस्थापन समझौता एफसीआईएल, टीएफएल, बैंकरों के संघ के बीच भी किया जा चुका है।
टीएफएल ने 90% पैकेज दिए हैं, जिसमें एलएसटीके और गैर एलएसटीके दोनों अनुबंध शामिल हैं। नागरिक गतिविधियों के साथ निर्माण गतिविधियां जोरों पर हैं।
2. रामागुंडम इकाई
गैस आधारित यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी, रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) को नामित पीएसयूज , अर्थात् ईआईएल, एनएफएल और
एफसीआईएल द्वारा 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता के साथ निगमित किया गया है। रियायत समझौते, पट्टा समझौते और प्रतिस्थापन समझौते पर एफसीआईएल के साथ हस्ताक्षर किये जा चुके हैं।
वाणिज्यिक उत्पादन दिनांक 22.03.2021 से शुरू हो चुका है। वर्ष 2021-2022 के दौरान आरएफसीएल ने 389180.95 मीट्रिक टन यूरिया और 256500.25 मीट्रिक टन अमोनिया का उत्पादन किया है।
3. सिंदरी और गोरखपुर इकाईयां
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिनांक 13.7.2016 को नामित पीएसयू, एनटीपीसी, सीआईएल और आईओसीएल के एक संयुक्त उद्यम द्वारा एचएफसीएल की बरौनी इकाई के साथ-साथ एफसीआईएल की सिंदरी और गोरखपुर इकाईयों के पुनरुद्धार करने का निर्णय लिया। एफसीआईएल और एचएफसीएल संयुक्त उद्यम भागीदार भी होंगे। पुनरुद्धार के उद्देश्य से 'हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल)' के नाम से एक संयुक्त उद्यम कंपनी को निगमित किया गया है।
दोनों संयंत्रों की स्थिति इस प्रकार है:-
गोरखपुर - संयंत्र चालू हो गया है और वाणिज्यिक उत्पादन दिनांक 06.05.2022 से शुरू हो गया है।
सिंदरी - संयंत्र को दिनांक 07.11.2022 को चालू किया गया है। व्यावसायिक उत्पादन अभी शुरू किया जाना है।
4. कोरबा इकाई
कोरबा इकाई के पुनरुद्धार का निर्णय अभी भारत सरकार द्वारा लिया जाना है।
पिछले 2 वर्षों के लिए एफसीआईएल का वित्तीय प्रदर्शन निम्नानुसार है:-
(रु./करोड़)
पैरामीटर |
2020-21 |
2021-22 |
---|---|---|
अधिकृत पूंजी |
800 |
800 |
प्रदत्त पूंजी |
750.92 |
750.92 |
कुल आय |
52.14 |
37.44 |
कर देने से पूर्व लाभ |
61.46* |
42.97** |
शुद्ध लाभ |
51.05 |
35.74 |
निवल मूल्य |
631.86 |
666.50 |
* 44.90 करोड़ रुपये का एक असाधारण आइटम शामिल है। (संयुक्त उद्यम भागीदार आरएफसीएल से प्राप्त शेयर)।
** 18.54 करोड़ रुपये की एक असाधारण आइटम शामिल है। (संयुक्त उद्यम भागीदार आरएफसीएल से प्राप्त शेयर)।