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राजभाषा प्रभाग

राजभाषा हिंदी का प्रगामी प्रयोग

उर्वरक विभाग का राजभाषा अनुभाग संयुक्त सचिव (राजभाषा) के कुशल मार्गदर्शन में कार्य करता है। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के तहत संघ की राजभाषा नीति के अनुपालन हेतु उर्वरक विभाग सतत रूप से प्रयत्‍नशील है। विभाग के अनुभागों, इसके संबद्ध कार्यालय एफआईसीसी तथा 07 उपक्रमों में हिंदी के प्रगामी प्रयोग से संबंधित कार्य संयुक्त सचिव (राजभाषा) के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है। उनकी सहायता के लिए विभाग में दो उप निदेशक (राजभाषा), दो सहायक निदेशक (राजभाषा), तीन वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी और एक कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी के पद सृजित हैं। उर्वरक विभाग केंद्र सरकार की राजभाषा नीति को कार्यान्‍वित करने के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए वार्षिक कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2023-2024 के दौरान हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रयासरत है।

विभाग में सभी 270 कंप्यूटर यूनिकोड समर्थित द्विभाषी सुविधायुक्त हैं। पत्राचार में हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त है। इसके अतिरिक्त विभाग में, इसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन संबद्ध कार्यालय एफआईसीसी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कारगर उपाय किए गए हैं। किए गए उपायों का संक्षिप्त ब्यौरा इस प्रकार है:- 

 

  1. राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) का कार्यान्वयन

भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुसरण में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत आने वाले सभी कागजात हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी किए जा रहे  हैं। राजभाषा नीति का अनुपालन सुनिश्‍चित करने हेतु 'क', 'ख' और 'ग' क्षेत्र में स्थित केन्‍द्र सरकार के कार्यालयों को हिंदी में पत्र भेजना सुनिश्‍चित करने के लिए विभाग में बनाए गए जाँच बिन्दुओं के आधार पर कार्य-योजना तैयार की गई है। राज्य सरकारों के साथ हिंदी में मूल पत्राचार बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

  1. हिंदी प्रशिक्षण तथा हिंदी में कार्यसाधक ज्ञान/प्रवीणता प्राप्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों का रोस्टर तैयार करना

विभाग अपने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों, जिन्हें हिंदी/हिंदी आशुलिपि/हिंदी टंकण का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त नहीं है, को सेवाकालीन प्रशिक्षण देने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करता है और प्रशिक्षण पर भेजने की प्रक्रिया करता है।

  1. राजभाषा हिंदी से संबंधित रिपोर्टें

विभाग की तिमाही/वार्षिक रिपोर्टें तैयार की जाती हैं और राजभाषा विभाग को भेजी जाती हैं। विभाग के नियंत्रणाधीन उपक्रमों/कार्यालय से प्राप्‍त इन रिपोर्टों की समीक्षा की गई।

  1. वार्षिक कार्यक्रम

राजभाषा विभाग द्वारा जारी वर्ष 2024-25 का वार्षिक कार्यक्रम प्राप्त हुआ और उसे 19 मार्च, 2024 को विभाग के सभी अनुभागों और विभाग के नियंत्रणाधीन उपक्रमों/कार्यालयों में परिचालित किया गया।

  1. विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति (ओएलआईसी)

विभाग में संयुक्त सचिव (राजभाषा) की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति गठित की गई है। यह समिति विभाग तथा इसके संबद्ध कार्यालय एफआईसीसी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के 07 उपक्रमों में हिंदी के प्रयोग में हुई प्रगति की तिमाही आधार पर आवधिक समीक्षा करती है। यह समिति राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समुचित सुझाव देती है और उपायों की सिफारिश करती है। बैठक में लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई संबंधित अनुभाग/कार्यालय द्वारा की जाती है। 25 सितंबर, 2024 को विभाग में संयुक्त सचिव (राजभाषा) की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें हिंदी के प्रगामी प्रयोग के संबंध में तिमाही रिपोर्टों की समीक्षा की गई।

  1. हिंदी सलाहकार समिति

सरकार की राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाह देने के उद्देश्‍य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति, जो रसायन और पेट्रो-रसायन विभाग, औषध विभाग और उर्वरक विभाग की संयुक्त समिति है, का पुनर्गठन उर्वरक विभाग के दिनांक 11.10.2021 के संकल्प सं.ई.11014/2/2019-राजभाषा के जरिये किया गया है। माननीय मंत्री (रसायन एवं उर्वरक) की अध्यक्षता में इस समिति की बैठक दिनांक 30 मई, 2023 को इंडिया हैबीटैट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित की गई। राजभाषा अनुभाग द्वारा इस समिति के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

  1. हिंदी में मूल टिप्पण/प्रारूप लेखन के लिए प्रोत्साहन योजना

हिंदी में टिप्पण/प्रारूप लेखन के लिए राजभाषा विभाग द्वारा शुरू की गर्इ प्रोत्साहन योजना इस विभाग में कार्यान्‍वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 5000/-रु. के दो प्रथम पुरस्कार, 3000/-रु. के तीन द्वितीय पुरस्कार और 2000/-रु. के पांच तृतीय पुरस्कार दिए जाते हैं। वर्ष 2023-24 के लिए इस प्रोत्साहन योजना में कुल 6 (छह) प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए और हिन्‍दी पखवाड़े के पुरस्‍कार वितरण समारोह के दौरान प्रतिभागियों को पुरस्‍कृत किया गया।  

  1. हिंदी दिवस/हिंदी पखवाड़ा

विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच राजभाषा हिन्‍दी के प्रगामी प्रयोग को प्रोत्‍साहित करने के लिए माननीय गृ‍ह मंत्री के हिन्‍दी दिवस 2024 के संदेश को विभाग के ई-ऑफिस के माध्‍यम से परिचालित किया गया। साथ ही, इसे विभाग के फेसबुक और ट्विटर सोशल एकाउंट पर भी साझा किया गया। राजभाषा विभाग के अधिकारियों और संयुक्‍त सचिव (राजभाषा) ने 14-15 सितम्‍बर, 2024 को भारत मंडपम में आयोजित हिन्‍दी दिवस में भाग लिया।

विभाग में दिनांक 01 से 15 सितंबर, 2024 के दौरान हिंदी पखवाड़ा मनाया गया जिसमें हिंदी निबन्ध लेखन, हिंदी टंकण, हिंदी में आशुभाषण, हिंदी टिप्पण और प्रारूप लेखन (हिंदी भाषी और हिंदीतर भाषियों के लिए अलग-अलग), हिंदी सामान्य ज्ञान तथा राजभाषा प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिताओं जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में अधिकारियों/कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। हिंदी पखवाड़ा प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि प्रथम, द्वितीय, तृतीय और प्रोत्साहन पुरस्कारों के लिए क्रमश: 5000 रु., 4000 रु., 3000 रु. और 2000 रु. है। संयुक्‍त सचिव महोदया की अध्‍यक्षता में पुरस्‍कार वितरण समारोह दिनांक 23.10.2024 को विभाग के सम्‍मेलन कक्ष में आयोजित किया गया और कुल 33 प्रतिभागियों को पुरस्‍कृत किया गया।

  1. हिंदी कार्यशालाएं

विभाग में समय-समय पर हिंदी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है ताकि अधिकारियों को हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और हिंदी में काम करने की झिझक को दूर किया जा सके। हाल ही में, दिनांक 10 सितंबर, 2024 को “हिंदी की तिमाही प्रगति रिपोर्ट सही प्रकार से भरना” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।  

  1. हिंदी के प्रगामी प्रयोग के संबंध में निरीक्षण

राजभाषा कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए, अप्रैल, 2024 माह के दौरान विभाग के सभी अनुभागों का निरीक्षण किया गया। इसके अलावा, 2 पीएसयू नामत: नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड (पीडीआईएल); और 1 संबद्ध कार्यालय एफआईसीसी का राजभाषा अनुभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया था।

  1. संसदीय राजभाषा समिति द्वारा उर्वरक क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निरीक्षण

राजभाषा संबंधी संसदीय समिति जब भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का उनके संबंधित कार्यालयों में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के संबंध में निरीक्षण दौरा करती  है तो राजभाषा अनुभाग सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सहायता करता है। यह उन्हें प्रश्नावली में डेटा को सही ढंग से भरने में मदद करता है और प्रोटोकॉल के अनुसार निरीक्षण की व्यवस्था करने के लिए उन्हें निर्देश जारी करता है। वर्ष 2023-24 के दौरान, समिति द्वारा 17 पीएसयू के निरीक्षण किए गए। संयुक्त सचिव (राजभाषा) ने राजभाषा प्रभाग के अन्य अधिकारियों के साथ इन निरीक्षण बैठकों में भाग लिया। हाल ही में 21.11.2024 को क्षेत्रीय कार्यालय नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, बरेली का संसदीय राजभाषा समिति द्वारा दिल्‍ली में निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में संयुक्‍त सचिव (राजभाषा) और उप निदेशक (राजभाषा) समिति के समक्ष उपस्थित हुए।