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संचलन

संचलन प्रभाग का परिचय

उर्वरक संचलन प्रभाग को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा (संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से) प्रस्‍तुत की गई आवश्यकता के आधार पर देश के सभी हिस्सों में किसानों को उर्वरकों की पर्याप्त और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है। यह प्रभाग देश में मासिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए विनिर्माताओं/आयातकों के साथ परामर्श करके सहमत आपूर्ति योजना तैयार करता है। सभी प्रमुख सब्सिडी प्राप्त उर्वरकों के संचलन की निगरानी एक ऑनलाइन वेब आधारित निगरानी प्रणाली अर्थात एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) और ई-उर्वरक डैशबोर्ड के माध्यम से की जाती है।

संचलन प्रभाग के बारे में जानकारी

उर्वरक विभाग को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) द्वारा आकलित की गई राज्यवार, मौसम-वार, और माह-वार आवश्यकता के अनुसार विभिन्न उर्वरक संयंत्रों और पत्‍तनों से सब्सिडी प्राप्त रासायनिक उर्वरकों के संचलन, वितरण और आबंटन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयातित यूरिया का वितरण प्रत्येक राज्य/संघ राज्यक्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।

2. उर्वरक आकलन:

i) राज्य सरकारों के परामर्श से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) द्वारा प्रत्येक मौसम के लिए रासायनिक उर्वरकों अर्थात यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके की आवश्यकता के आकलन को अंतिम रूप दिया जाता है।

ii) इसके लिए प्रत्येक फसली मौसम अर्थात खरीफ (अप्रैल से सितंबर) और रबी (अक्टूबर से मार्च) के शुरू होने से पहले अर्धवार्षिक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।

3.आपूर्ति योजना की तैयारी:

i) डीएएंडएफडब्ल्यू द्वारा अनुमानित मासिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए, संचलन प्रभाग विनिर्माताओं/आयातकों के परामर्श से सहमत आपूर्ति योजना तैयार करता है।

4.उर्वरकों की निगरानी:

i) उर्वरक विभाग (डीओएफ) ने एक आईटी सक्षम प्रणाली अर्थात एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) विकसित की है, जिसमें उर्वरक के संबंध में उत्पादन, संचलन, उपलब्धता, आवश्यकता, बिक्री आदि का संपूर्ण विवरण रखा जाता है। संबंधित हितधारकों जैसे कि उर्वरक विभाग, राज्य कृषि विभागों, जिला कलेक्टरों, उर्वरक कंपनियों को संचालन और निगरानी के प्रयोजनों के लिए अलग-अलग यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान किए जाते हैं।

ii) डीएएंडएफडब्ल्यूतथा उर्वरक विभाग द्वारा संयुक्त रूप से राज्य कृषि अधिकारियों के साथ साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाती है तथा उसके बाद राज्य सरकारों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार उर्वरक भेजने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।

iii) उर्वरक विभाग राज्य स्तर पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। राज्य सरकारें जिला/ब्लॉक स्तर की आवश्यकता के अनुसार यथोचित वितरण के लिए उत्‍तरदायी हैं।

iv) उर्वरकों की आवश्यकता और स्वदेशी उत्पादन के बीच के अंतर को आयात के जरिए पूरा किया जाता है।

5. उर्वरकों का आयात:

i) स्‍वदेशी उपलब्‍धता और आकलित मांग के बीच के अंतर को पूरा करने के लिए प्रत्यक्ष कृषि उपयोग के लिए यूरिया का आयात एसटीई जैसे आईपीएल, एनएफएल और आरसीएफ के माध्यम से सरकारी खाते से किया जाता है।

ii) पीएण्डके उर्वरक (डीएपी, एमओपी और एनपीके) विदेश व्यापार नीति के अनुसार मुक्‍त सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के अंतर्गत आते हैं।