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कार्य आबंटन

मुख् लेखा नियंत्रक (सीसीई) के अंतर्गत कार्य क्षेत्र  

विभाग के सचिव, विभाग के मुख् लेखा प्राधिकारी हैं। मुख् लेखा प्राधिकारी के रूप में वे एक वित्तीय सलाहकार और एक लेखा नियंत्रक की सहायता से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं। 

उर्वरक विभाग के लेखा संगठन का नेतृत्व मुख्य लेखा नियंत्रक करते हैं। वह लेखा नियंत्रक / उप लेखा नियंत्रक और 2 पीएओ और 3 एएओ की सहायता से अपने कर्तव्यों का पालन करता है और मुख्य लेखा नियंत्रक के प्रभार के तहत एक पीएओ और एक एएओ से मिलकर एक आंतरिक लेखा परीक्षा विंग है।

इसके निम् कर्तव् हैं:

1.      उर्वरक विभाग और एफआईसीसी के व्यक्तिगत दावों/राजसहायता दावों/ऋण और निवेश से संबंधित सभी भुगतान की व्यवस्था करना।

2.       उर्वरक विभाग और एफआईसीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को पेंशन और अन् सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान की व्यवस्था करना।

3.       विभाग के सभी भुगतानों और प्राप्तियों का लेखा-जोखा रखना और विनियोजन लेखा, वित् लेखा और केन्द्रीय लेनदेन के विवरण को मासिक और वार्षिक आधार पर समेकित करना।

4.       उचत खाते के तहत न्यूनतम बकाया राशि के साथ जीएफआर के प्रावधानों के संदर्भ में खातों का प्रभावी ढंग से रखरखाव करना।

5.       भारत की संचित निधि से जारी की गई निधियों के उपयोग की आंतरिक लेखा-परीक्षा की व्यवस्था और लेखा अभिलेखों का रखरखाव करना।

6.       उर्वरक विभाग का प्राप्ति बजट तैयार करना।

7.       व्यय नियंत्रण और खर्च को संतुलित बनाए रखने में मुख् लेखा प्राधिकारी और विभाग के वित्तीय सलाहकार की सहायता करना।

8.       सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ भारत सरकार के ऋण और इक्विटी के खाते का रखरखाव करना।

9.       उर्वरक विभाग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को किए गए वीआरएस और वीएसएस भुगतान के संबंध में उपयोग प्रमाण-पत्र की निगरानी करना।

10.      महालेखा नियंत्रक के कार्यालय और उर्वरक विभाग के बीच कार्य का समन्वयन करना।

11.      लेखा से संबंधित मामलों पर विभाग को सलाह देना।

12.      लेखा स्कंध की स्थापना का कार्य देखना जिसमें महालेखा नियंत्रक के कार्यालय के दिशा-निर्देशों के तहत स्थानांतरण, तैनाती और पदोन्नति शामिल है।

13.      महालेखा नियंत्रक के समग्र दिशा-निर्देशों के तहत लेखा संगठन में आई.टी. योजना का कार्यान्वयन करना।

14.      भारतीय रिजर्व बैंक के साथ समाधान करते हुए सरकारी खातों में उर्वरक विभाग के नकद बकाया को रखना।

15.      विलय की गई डीडीओ योजना के अंतर्गत, मंत्रालय का रोकड़ अनुभाग लेखा नियंत्रक को रिपोर्ट करता है।

16.      राजसहायता के बकाया लेखागतभुगतान का रखरखाव और संकलन करना तथा अपर सचिव और वित्तीय सलाहकार तथा सचिव, उर्वरक विभाग को आवधिक रिपोर्टें प्रस्तुत करना।

17.      सभी पुराने राजसहायता दावों की पूर्व-लेखापरीक्षा करना।

18.      सीपीएओ को पेंशन और पेंशन में संशोधन करने के लिए भी प्राधिकार।

19.      वित्तीय सलाहकार द्वारा सौंपा गया अन् कोई कार्य।

मुख्य लेखा नियंत्रक द्वारा भी किए जाने वाले कुछ विशिष्ट कार्य:

सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों में व्यय बजट को लेखा नियंत्रक के माध्यम से भी भेजा जाता है, जो एक ऐसा क्षेत्र है जिसे इस कार्यालय के प्रभार में लाया जाना है। 

रसायन और उर्वरक मंत्रालय के संबंध में लेखा संगठन के प्रधान के रूप में लेखा नियंत्रक निम्नलिखित दस्तावेज तैयार करने और उन्हें लेखा-परीक्षा, महालेखा नियंत्रक और वित् मंत्रालय को प्रस्तुत करने के लिए उत्तरदायी है

विनियोजन लेखा के चार चरण

वित् लेखा विवरणियां

केन्द्रीय लेनदेन विवरणियों का विवरण (एससीटी)

प्राप्ति बजट/एफआरबीएम विवरण आदि

एमआईएस रिपोर्ट

पीएफएमएस और दैनिक अपलोड आदि का कार्यान्वयन

लेखा एक नजर में

वार्षिक लेखा-परीक्षा की समीक्षा (योजना/कार्यान्वयन/समीक्षा/जमा आदि)

पूर्व-जांच/पूर्व लेखा-परीक्षा  

सूचना प्रौद्योगिकी, पीएफएमएस और -लेखा

मासिक खाता

वार्षिक खाता

ऋण/अग्रिम/अनुदान सहायताब्याज/निवेश आदि 

      लेखा नियंत्रक का कार्यालय नई पेंशन योजना के रिकॉर्ड का रखरखाव करने और नोडल एजेंसी अर्थात् एनएसडीएल आदि को सरकार/कर्मचारी अंशदान जमा करने के लिए भी उत्तरदायी है।

      मुख् लेखा नियंत्रक (सीसीए) कार्यालय सभी लेखांकन, बजट संबंधी और विभिन् इकाइयों/आहरण और संवितरण अधिकारियों की इकाइयों के कार्यालयों की आंतरिक लेखा-परीक्षा नियंत्रण कार्यों के लिए जिम्मेदार है।