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जहाज़-रानी

जहाजरानी

उर्वरक विभाग के जहाज़रानी-I अनुभाग को सरकारी खाते से आयातित यूरिया कार्गो के साथ आने वाले जहाजों के पोस्‍ट फिक्‍सचर का कार्य सौंपा गया है, जिसमें ओक्यू ट्रेडिंग, दुबई के साथ यूरिया ऑफ-टेक करार के अंतर्गत ओमान से भारत में दानेदार यूरिया की शिपमेंट शामिल है। जहाजरानी के पोस्‍ट फिक्‍सचर कार्य और पत्तन प्रचालनों में शामिल कार्य निम्नानुसार हैं -

  1. आरसीएफ (उर्वरक विभाग की चार्टरिंग एजेंसी) द्वारा जारी फिक्‍सचर नोट में शामिल जहाजों के विवरण और कार्गो प्राप्‍त करने के लिए पत्‍तनों पर उर्वरक विभाग के संचालन एजेटों के साथ समन्‍वय करने के लिए जहाजरानी-।। अनुभाग द्वारा जारी किए गए पत्‍तन नामांकन संदेश से संबंधित निबंधन एवं शर्तों की जांच करना।    
  2. पत्‍तन द्वारा अपेक्षित इन्‍वर्ड प्रविष्टि दस्तावेजों को पूरा करने के लिए संचालन एजेंटों के साथ मिलकर कार्गो के आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त नौवहन संबंधी दस्तावेजों की जांच करना;
  3. संचालन कार्य में व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए जहाज के चार्टर पार्टी करार (सीपी) के निबंधनों, शर्तों और अपवादों की जांच करना;
  4. पत्‍तनों पर कार्गो के निर्वहन और निकासी की निगरानी करना;  
  5. चार्टर पार्टी करार की शर्तों के अनुसार विलंब-शुल्‍क का निपटान/लोड और डिस्चार्ज पत्‍तन पर प्रेषण का निपटान कार्य अनुमत समय की गणना को निर्धारित करना;
  6. प्राप्त यूरिया कार्गो की गुणवत्ता और मात्रा का पता लगाने के लिए संयुक्त मसौदा सर्वेक्षण रिपोर्ट की जांच करना;
  7. समुद्री मध्यस्थता और न्‍यायिक मामलों में यूओआई के हितों की रक्षा करना।

इसके अलावा, जहाज़रानी-I अनुभाग कृषि प्रयोजन के लिए सामग्री की उपलब्धता और आवश्यकता का पता लगाने के लिए निजी तौर पर डीएपी और एमओपी जैसे उर्वरकों के अन्य ग्रेडों के आगमन की भी निगरानी कर रहा है।


जहाज़रानी-II

  1. उर्वरक विभाग का जहाज़रानी-II अनुभाग यूरिया ऑफ-टेक करार (यूओटीए) के अंतर्गत ओक्यू ट्रेडिंग, दुबई से दानेदार यूरिया के शिपमेंट सहित सरकारी खाते से यूरिया कार्गो के साथ आने वाले जहाजों के फिक्‍सचर-पूर्व कार्य की देखरेख करता है।
  2. यूरिया कार्गो की लदाई के लिए आरसीएफ (डीओएफ की चार्टरिंग एजेंसी) द्वारा भेजे गए जहाजों के विवरण की जांच।
  3. फिक्स्चर नोट और चार्टर पार्टी के निबंधनों, शर्तों और अपवादों की जांच।
  4. ओमिफ्को यूरिया सहित यूरिया जहाजों का निर्धारण और डिस्चार्ज पोर्ट का नामांकन।
  5. सामान्य मामलों का अध्ययन और समुद्री मध्यस्थता में बचाव के लिए सलाहकारो के लिए ब्रीफ/आलेख तैयार करना।
  6. शिपिंग व्यवस्थाओं के संबंध में ओक्यू ट्रेडिंग, हैंडलिंग एजेंटों (इफको और कृभको) और आरसीएफ के साथ समन्वय।
  7. सरकारी खाते से आयातित यूरिया कार्गों और यूरिया ऑफ-टेक करार (यूओटीए) के अंतर्गत ओक्यू ट्रेडिंग, दुबई से दानेदार यूरिया की खेपों के नामांकन पत्र और प्राधिकार पत्र जारी करना।  
  8. यूरिया और पीएण्डके उर्वरकों के आयात के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय को सिफारिशें करना।
  9. एसटीई की नियुक्ति के लिए डीजीएफटी को सिफारिश करना।
  10. आयातित यूरिया की हैंडलिंग और विपणन के लिए उर्वरक विपणन इकाइयों (एफएमई)   के नियोजन हेतु सीपीपी-पोर्टल के माध्यम से एनआईटी।